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फोन

  • Writer: Karan
    Karan
  • Apr 22, 2018
  • 1 min read

Updated: Apr 22, 2018


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उस रात फ़ोन नहीं बजा था

मैं बालकनी में था, शायद अपनी दिन की आखरी सिगरेट

ख़त्म कर रहा हूँगा

हवा भी काफी थी, सिगरेट से कुछ आद चिंगारियां उड़ उड़ कर आँखों पर हमला भी बोल रही थी

पर हाँ उस रात फ़ोन नहीं बजा था... रिंग की आवाज़ तो आयी थी शायद , पर फ़ोन बजा नहीं था.

मैंने रिसीवर उठा के चेक भी किया था.. डायल टोन अब भी ज़िंदा थी .

तेज़ हवा में अक्सर डायल टोन भी दम तोड़ देती हैं, पर उस रात फ़ोन चालू था, बस बजा नहीं।

अगर उस रात तुम फ़ोन कर लेती , तो शायद आज यूँ इन मासूम सी फूलों पर, पैसे न खर्च करने पड़त

हलाकि तुम्हे सफ़ेद कपडे पसंद नहीं हैं, पर तुम आज इनमें अच्छी लग रही हो .

 
 
 

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