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Writer's pictureKaran

धुंदलापन





नहीं और पास मत आओ अब,डर लगता हैं,

मुहब्बत से ज़्यादा पहचान हो गयी जो, तो मुश्किल होगी।

तुम दूर हीं ठीक हो दूर से तुम, तुम्हारी मुहब्बत और मैं,

सब साफ़ दिखते हैं पास की नज़र धुंदली जो है।

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