top of page
Search

बिस्तर

  • Writer: Karan
    Karan
  • Apr 20, 2018
  • 1 min read

सिलवटें बिस्तर के बस अब एक हीं छोर पर पड़ती हैं

रातों में अब रज़ाई की लड़ाई कम होती हैं

खाना कम बनता हैं, तो मेज़ पर अब प्लेटें भी कुछ कम लगती है

बाथरूम की फर्श पर अब तुम्हारे गीले तौलिये नहीं मिलते

और हाँ, कप्बोर्ड में मेरे कपड़ों के लिए अब फिरसे जगह निकल आयी हैं

अपने घर का बहुत कुछ जो कभी तुमसे पूरा था आज थोड़ा अधूरा है

या फिर यूँ कहूं की वो फिर से पूरा हो गया

जो तुमसे पहले अधूरा था...



ree

 
 
 

Comentários


bottom of page